प्यार, अकेलापन, और रिश्तों के नए मायने लेकर एक बार फिर लौट आई है अनुराग बसु की कहानी। जी हां, बात हो रही है फिल्म ‘मेट्रो… इन दिनों’ की, जो 2007 की हिट फिल्म ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ का स्पिरिचुअल सीक्वल मानी जा रही है। आइए जानते हैं इस फिल्म का रिव्यू—क्या फिर से छू पाएगी ये फिल्म हमारे दिलों को?
‘मेट्रो… इन दिनों’ में आपको एक साथ कई कहानियां देखने को मिलती हैं। कुछ अधूरी, कुछ नई और कुछ ऐसी जो शहर की भीड़ में भी बेहद अकेली हैं। फिल्म की कहानी आधुनिक मेट्रो सिटी दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों की पृष्ठभूमि में सेट है। यहां रिश्ते ऑनलाइन कनेक्ट होते हैं लेकिन इमोशन अब भी ऑफलाइन ही बहते हैं।
हीलिंग म्यूजिक-
फिल्म में हैं आदित्य रॉय कपूर, सारा अली खान, अली फज़ल, फातिमा सना शेख, अनुपम खेर, नीना गुप्ता, पंकज त्रिपाठी और कोंकणा सेन शर्मा जैसे मंझे हुए कलाकार। हर एक किरदार अपनी एक अलग जर्नी में है कोई मोहब्बत की तलाश में, तो कोई अपने रिश्तों को बचाने में जुटा है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी शानदार है। शहर की रफ्तार और अकेलेपन को खूबसूरती से दिखाया गया है। अनुराग बसु की फिल्मों की यूएसपी होता है उनका संगीत। इस बार भी अनुराग ने अपने संगीत से कोई समझौता नहीं किया है। फिल्म में सही समय-समय पर गानों का आना और अरिजीत सिंह व पैपाॅन की आवाज आपको एक अलग ही ट्रिप पर ले जाती है। अगर कहीं पर भी आप फिल्म से हल्का सा भटकते हैं तो म्यूजिक और गाने आपको फिर से उससे कनेक्ट कर देते हैं।

ताकत-
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसकी सिंपल पर इमोशनल कहानी और मल्टीपल नैरेटिव्स को खूबसूरती से जोड़ने का अंदाज़। हालांकि फिल्म की धीमी गति और कुछ कहानियों का अधूरा ट्रीटमेंट कुछ दर्शकों को खल सकता है। सोशल मीडिया पर मिल रहे हैं मिक्स रिव्यूज़ कुछ लोगों को ये फिल्म ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ की पुरानी यादें दिला रही है, तो कुछ इसे थोड़ा ओवरड्रामैटिक बता रहे हैं।

कमजोर कड़ी–
फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी हैं सारा अली खान। जब-जब सारा अली खान स्क्रीन पर आती हैं आप उनके एक जैसे ही हाव-भाव देखकर अपने फोन को देखने पर मजबूर हो जाते हैं। इसके अलावा जब आप एक साथ 8 किरदारों की कहानी दिखा रहे हों तो फिल्म एडिटिंग पर थोड़ी और बेहतर हो सकती थी। रंगमंच की तरह म्यूजिकल डायलॉग्स के साथ जैसे यह फिल्म शुरू होती है, वहां कुछ लोग थोड़ा बाेर हो सकते हैं।
तो कुल मिलाकर, ‘मेट्रो… इन दिनों’ एक दिल को छू लेने वाली फिल्म है, जो शहरी जिंदगी की सच्चाइयों को आईने की तरह पेश करती है। अगर आप रिलेशनशिप ड्रामा और रियल इमोशन्स वाली कहानियों के शौकीन हैं, तो ये फिल्म आपके लिए है।