Health Tips : हाल ही में अभिनेता विभु राघव की असामयिक मृत्यु ने कोलन कैंसर को लेकर आम लोगों में चिंता बढ़ा दी है। यह बीमारी पहले जितनी अनसुनी थी, अब उतनी ही गंभीरता से ली जा रही है। बड़ी आंत या मलद्वार में पनपने वाला यह कैंसर धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला कर देता है। हालांकि समय रहते इसके लक्षणों को पहचानकर इससे बचा भी जा सकता है।
कोलन कैंसर: क्या है यह बीमारी?
कोलन कैंसर, जिसे मेडिकल भाषा में कोलोरेक्टल कैंसर कहा जाता है, हमारी पाचन प्रणाली के आखिरी हिस्से यानी बड़ी आंत (कोलन) और मलद्वार (रेक्टम) में उत्पन्न होने वाला एक प्रकार का कैंसर है। यह आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होता है, लेकिन जैसे-जैसे यह फैलता है, शरीर पर इसके असर जानलेवा हो सकते हैं।
डॉक्टर क्या कहते हैं?
पीएसआरआई हॉस्पिटल, दिल्ली के वरिष्ठ सर्जन डॉ. भूषण भोले के अनुसार, “कोलन कैंसर के लक्षण आम पेट की परेशानियों से मिलते-जुलते हो सकते हैं, इसलिए लोग अक्सर इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यही लापरवाही बीमारी को गंभीर बना देती है।”
कोलन कैंसर के संभावित लक्षण
यदि नीचे दिए गए लक्षण दो हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से परामर्श लेना बेहद जरूरी है।
1. बार-बार कब्ज या दस्त की समस्या
2. पेट में ऐंठन, गैस या दर्द
3. मल में खून या गाढ़ा रंग
4. मल त्याग की आदतों में बदलाव
5. अचानक वजन घट जाना
6. थकान या कमजोरी जो आराम से दूर न हो
डॉ. भोले का कहना है कि “ये लक्षण अगर नजरअंदाज किए जाएं, तो कैंसर धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है।
किन कारणों से होता है कोलन कैंसर?
कोलन कैंसर के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य और हमारी दिनचर्या से जुड़े होते हैं:
उम्र बढ़ना: 50 वर्ष से ऊपर के लोगों में अधिक जोखिम
वंशानुगत कारण: परिवार में किसी को यह कैंसर होना
खराब खानपान: वसा युक्त और कम फाइबर वाला भोजन
शारीरिक निष्क्रियता: बैठने की आदत, व्यायाम की कमी
धूम्रपान व शराब: लंबे समय तक सेवन करने वाले ज्यादा प्रभावित
मोटापा: अधिक वजन के लोग अधिक जोखिम में
कैसे करें कोलन कैंसर से बचाव?
इस बीमारी से खुद को सुरक्षित रखने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ आसान लेकिन जरूरी बदलाव करने होंगे।
1. रोज़ाना फलों, हरी सब्ज़ियों और साबुत अनाजों का सेवन करें
2. फास्ट फूड और प्रोसेस्ड मांस से दूरी बनाएं
3. हर दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम या चलना-फिरना जरूरी है
4. वजन नियंत्रित रखें और मोटापे से बचें
5. धूम्रपान और शराब से दूरी रखें
6. यदि आप 50 वर्ष से ऊपर हैं, तो नियमित रूप से कोलन स्क्रीनिंग टेस्ट कराएं
6. यदि परिवार में किसी को यह बीमारी रही हो, तो डॉक्टर से समय-समय पर सलाह लें
क्या फिट और स्वस्थ दिखने वाले लोग भी हो सकते हैं शिकार?
बिलकुल! कोलन कैंसर कई बार बिना किसी खास लक्षण के भी हो सकता है। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां दिखने में पूरी तरह फिट व्यक्ति को अचानक इसके लक्षण महसूस हुए। इसलिए, सिर्फ फिट दिखना पर्याप्त नहीं, सतर्क रहना और नियमित जांच कराना भी जरूरी है।
जल्द पहचान और इलाज से बच सकती है जान
कोलन कैंसर की खासियत यही है कि शुरुआत में यह शरीर को ज्यादा परेशान नहीं करता। लेकिन धीरे-धीरे यह अंदर से जड़ पकड़ता चला जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते इसकी पहचान हो जाए, तो इलाज आसान और प्रभावी हो सकता है। डॉ. भूषण भोले की सलाह है…अपने शरीर के छोटे से छोटे बदलाव को भी नजरअंदाज न करें। खासकर अगर लक्षण दो सप्ताह से अधिक समय तक बने रहें तो तुरंत जांच कराएं। यही जागरूकता आपकी जान बचा सकती है।”
ध्यान ही बचाव है
कोलन कैंसर से डरने की नहीं, बल्कि समझदारी से निपटने की जरूरत है। जागरूकता, समय पर जांच और जीवनशैली में बदलाव से न केवल इस बीमारी से बचा जा सकता है, बल्कि समय रहते पहचान कर इसका सफल इलाज भी संभव है। इसलिए अपने शरीर की सुनें, और कोई भी संकेत मिले तो डॉक्टर से परामर्श लेने में देरी न करें।
डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल सूचना और जागरूकता के उद्देश्य से तैयार किया गया है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर से व्यक्तिगत सलाह जरूर लें। बिना परामर्श के कोई भी उपचार या डाइट परिवर्तन न करें।