नई दिल्ली। क्या आप पैरों में दर्द को सिर्फ दिनभर की भागदौड़ या थकान का नतीजा समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं? अगर हां, तो यह आदत आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, पैरों में बार-बार या लगातार होने वाला दर्द विटामिन-K की कमी (Vitamin-K Deficiency) का संकेत भी हो सकता है। यह कमी सिर्फ मांसपेशियों और हड्डियों पर असर नहीं डालती, बल्कि शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों में गड़बड़ी पैदा कर सकती है।
विटामिन-K एक महत्वपूर्ण फैट-सॉल्युबल विटामिन है, जो रक्त का थक्का जमाने, हड्डियों को मजबूत रखने और हृदय के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसकी कमी से न सिर्फ पैरों में दर्द, बल्कि कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं इस कमी के 5 ऐसे प्रमुख लक्षण, जिन्हें पहचानना बेहद जरूरी है।
विटामिन-K की कमी के 5 प्रमुख लक्षण
- पैरों और मांसपेशियों में लगातार दर्द
यदि आपके पैरों में लंबे समय तक दर्द बना रहता है, खासकर तब जब आप बहुत अधिक मेहनत भी नहीं कर रहे हों, तो यह संकेत हो सकता है कि आपके शरीर में विटामिन-K का स्तर कम है। यह विटामिन हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी प्रोटीन के उत्पादन में मदद करता है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और मांसपेशियों में सूजन व दर्द बढ़ सकता है। - आसानी से चोट लगना और खून बहना
विटामिन-K रक्त का थक्का जमाने में मदद करता है। इसकी कमी से मामूली चोट या कट लगने पर भी खून का बहना जल्दी बंद नहीं होता। यहां तक कि हल्की सी टक्कर पर भी नीले या बैंगनी धब्बे बन सकते हैं। अगर आपके साथ ऐसा बार-बार हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। - हड्डियों का कमजोर होना और फ्रैक्चर का खतरा
कैल्शियम और विटामिन D की तरह, विटामिन-K भी हड्डियों को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से हड्डियों की घनत्व (Bone Density) कम हो सकती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। खासकर पैरों और घुटनों में दर्द इसी वजह से बढ़ सकता है। - दांतों से खून आना
अगर ब्रश करते समय या बिना किसी वजह के आपके मसूड़ों से खून आने लगता है, तो यह भी विटामिन-K की कमी का संकेत हो सकता है। यह कमी मसूड़ों के ऊतकों को कमजोर बना देती है, जिससे इंफेक्शन और खून आने की समस्या बढ़ जाती है। - पाचन संबंधी समस्याएं
पाचन तंत्र में समस्या होने पर शरीर में फैट-सॉल्युबल विटामिन्स का अवशोषण कम हो जाता है, जिनमें विटामिन-K भी शामिल है। अगर आपको लंबे समय से डायरिया, पेट में सूजन या गैस जैसी समस्याएं हैं, तो यह भी कमी का संकेत हो सकता है।
विटामिन-K की कमी के कारण
- असंतुलित और जंक फूड से भरपूर डाइट
- लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन
- लीवर संबंधी रोग
- पाचन तंत्र की समस्याएं
- न्यूट्रिशन की कमी
- विटामिन-K की कमी से बचाव के उपाय
- डाइट में विटामिन-K से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें
हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, केल, ब्रोकली, सरसों का साग, हरी मटर और हरी बीन्स, पत्तागोभी और लेट्यूस, मछली, मांस और अंडे की जर्दी, डेयरी उत्पाद जैसे दूध और दही - नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं
अगर पैरों में दर्द, बार-बार खून बहना या हड्डियों की कमजोरी जैसी समस्याएं हैं, तो डॉक्टर से विटामिन-K लेवल की जांच कराएं। - सप्लीमेंट का सेवन (डॉक्टर की सलाह से)
विटामिन-K सप्लीमेंट्स की मदद से कमी को जल्दी पूरा किया जा सकता है, लेकिन इन्हें सिर्फ मेडिकल सलाह के बाद ही लेना चाहिए।
विशेषज्ञ की राय
दिल्ली स्थित एक न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, “अधिकतर लोग पैरों के दर्द को थकान समझकर नजरअंदाज करते हैं, लेकिन यह शरीर में गंभीर कमी का संकेत भी हो सकता है। विटामिन-K हमारे शरीर के कई अहम कार्यों में शामिल है। अगर समय रहते इसकी कमी को पूरा नहीं किया गया, तो यह गंभीर हड्डी और रक्त संबंधी रोगों का कारण बन सकता है।”