रामायण के किरदार आज भी लोगों के दिलों में बसे हैं लेकिन उन्हीं किरदारों में एक थीं शबरी। जिन्होंने राम का इंतज़ार किया और वो इंतज़ार, उनकी भक्ति की मिसाल बन गया। आज हम बात कर रहे हैं उस अभिनेत्री की जिन्होंने इस किरदार को जीवंत बना दिया सरिता देवी। जानिए, पर्दे की ये शबरी असल ज़िंदगी में कौन थीं, कहां से आईं और कहां खो गईं?
टीवी स्क्रीन पर एक साध्वी, जटाएं, फटे कपड़े और आंखों में राम के लिए भक्ति ये थीं शबरी, रामायण की वो किरदार जिन्होंने भगवान राम को बेर खिलाए थे। और इस किरदार को निभाया था ‘सरिता देवी’ ने। सरिता देवी ने उस समय शबरी के रोल में जान डाल दी थी। दूरदर्शन के रामानंद सागर की रामायण में जब भगवान राम शबरी के आश्रम पहुंचे, तो लोगों की आंखें नम हो गईं। शबरी की आंखों का इंतज़ार, बेर का प्रेम और राम के लिए समर्पण हर एक भाव को सरिता देवी ने जिस सादगी से निभाया, उसने दर्शकों को भीतर तक छू लिया।

मिलें सपोर्टिंग रोल-
सरिता देवी का फिल्मी सफर काफी लंबा रहा लेकिन उन्हें सपोर्टिंग रोल ही मिलें वो कभी लीड रोल नहीं कर पाईं। शबरी का किरदार उनके करियर का सबसे बड़ा पड़ाव बना। सरिता देवी ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 1947 में आई फिल्म ‘तोहफा’ से किया था उसके बाद उन्होंने कई छोटी बड़ी फिल्मों जैसे चौबेजी, लव मैरिज, सोने की चिड़िया, देवदास, गंगा की सौगंध समेत कई फिल्मों में काम किया लेकिन लीड रोल ना मिल पाने की वजह से दर्शकों के बीच पहचान नहीं बना पाई। सरिता देवी का जीवन संघर्षों से भरा रहा 12 वर्ष की आयु में उनकी शादी हुई लेकिन उसके दो महीने बाद ही उनके पति की मौत हो गई। जिसके बाद उन्होंने ड्रामा कंपनी के मालिक लालजी गोहिल से शादी की जिससे उन्हें दो बेटे और एक बेटी हुई। साल 1990 में उनके दूसरे पति और कुछ समय बाद बड़े बेटे की भी मौत हो गई लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपना फ़िल्मी करियर जारी रखा।

रूसी फिल्म के लिए मिला अवार्ड-
सरिता देवी ने कई बड़े एक्टर्स जैसे अमिताभ बच्चन, राज कपूर, धर्मेंद्र, शम्मी कपूर, देवानंद, अशोक कुमार, मनोज के साथ भी काम किया। इतना ही नहीं उन्होंने 7 रुसी फिल्मों को हिंदी में डब भी किया और उन्हें रुसी फिल्म “पेडेनिये बर्लिना” के लिए डायमंड पिक्चर्स की तरफ से सम्मानित भी किया गया। “शबरी की कहानी सिर्फ एक पौराणिक पात्र की नहीं एक सच्चे भक्त की है और सरिता देवी ने उस भक्ति को पर्दे पर जीवंत कर दिखाया। एक ऐसी अदाकारा, जो अब दुनिया से दूर हैं लेकिन हमारी यादों में अब भी उतनी ही करीब हैं।”