नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई फिल्म ‘इंस्पेक्टर जेंडे’ इस हफ्ते की सबसे चर्चा में रही है। यह फिल्म अभिनेता चिन्मय मांडलेकर द्वारा डायरेक्ट की गई है और यह उनका निर्देशन में पहला प्रोजेक्ट है। फिल्म मुंबई पुलिस ऑफिसर माधुकर जेंडे की सच्ची कहानी पर आधारित है। जेंडे वही अफसर हैं जिन्होंने अपराधी चार्ल्स शोभराज को दो बार पकड़ा था- पहली बार 1971 में और फिर 1986 में गोवा में जब वह तिहाड़ जेल से फरार हुआ था।
कहानी में थ्रिल और ट्विस्ट
फिल्म की शुरुआत ही कार्ल भोजराज के अपराध और करिश्माई व्यक्तित्व से होती है। दर्शक देखते ही देखते उसकी चालाकी और स्मार्टनेस में उलझ जाते हैं। इसके बाद एंट्री होती है इंस्पेक्टर जेंडे की जो सीधा-सादा है लेकिन तेज दिमाग वाला अफसर है। जेंडे और भोजराज के बीच पीछा-पड़ताल और बच निकलने का खेल कहानी में थ्रिल और कई ट्विस्ट लेकर आता है। फिल्म 70 और 80 के दशक का माहौल भी बखूबी पेश करती है और असल घटनाओं के कुछ सुराग भी दर्शाए गए हैं, जैसे जेंड की मिली टिप्स और बाइक का विवरण, जो कहानी को और रोचक बनाते हैं।
मनोज बाजपेयी की नैचुरल कॉमिक टाइमिंग
मनोज बाजपेयी ने इंस्पेक्टर जेंडे के किरदार को बहुत ही प्रभावशाली ढंग से निभाया है। उनकी एक्टिंग में सख्ती और हल्की-फुल्की हंसी दोनों का संतुलन नजर आता है। उनकी कॉमिक टाइमिंग बिल्कुल नैचुरल है और कई जगह उनका अंदाज क्लासिक कॉमेडी फिल्मों की याद दिलाता है।
जिम सर्भ की करिश्माई उपस्थिति
कार्ल भोजराज के किरदार में जिम सर्भ बेहद प्रभावशाली हैं। उनकी चालाकी और करिश्मा हर सीन में साफ झलकता है और दर्शकों को पूरी तरह से बांधे रखता है। मनोज और जिम की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ही इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है।
सह कलाकारों का योगदान
सचिन खेडेकर पुलिस विभाग के सीनियर अफसर के रूप में अपनी मौजूदगी को मजबूत बनाते हैं। गिरिजा ओक जेंडे की पत्नी के रूप में कहानी में इमोशनल टच लाती हैं। वहीं भालचंद्र कदम हल्की-फुल्की कॉमेडी से फिल्म में मनोरंजन का तड़का जोड़ते हैं।
कमजोरियां
हालांकि फिल्म देखने में मजेदार है लेकिन इसकी कुछ कमियां भी नजर आती हैं। फिल्म की रफ्तार कई जगह धीमी हो जाती है और कुछ सीन लंबे खिंचते हैं। बेहतर एडिटिंग और टाइट कट से फिल्म और क्रिस्प लग सकती थी। इसके अलावा बैकग्राउंड म्यूजिक भी हर जगह उतना प्रभावशाली नहीं है, खासकर सस्पेंस वाले सीन्स में।
देखनी चाहिए या नहीं?
कुल मिलाकर, ‘इंस्पेक्टर जेंडे’ एक ऐसा अनुभव देती है जिसमें थ्रिल, हल्की-फुल्की कॉमेडी और बेहतरीन एक्टिंग शामिल हैं। यह सिर्फ अपराधी की कहानी नहीं, बल्कि उस पुलिस ऑफिसर की कहानी है जो अक्सर सुर्खियों से दूर रहा। मनोज बाजपेयी और जिम सर्भ की शानदार परफॉर्मेंस के लिए यह फिल्म जरूर देखी जा सकती है।