नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेटफ्लिक्स ने एक नई जासूसी थ्रिलर वेब सीरीज़ ‘सारे जहाँ से अच्छा’ रिलीज कर दी है, जिसमें प्रतीक गांधी दिखेंगे एक रॉ एजेंट, विष्णु शंकर की भूमिका में। हाल ही में एक खास इंटरव्यू में उन्होंने इस किरदार की तैयारी, भावनात्मक गहराई, थिएटर की चुनौतियाँ और आने वाले प्रोजेक्ट्स पर खुलकर बात की।
इंटरव्यू के मुख्य अंश
एजेंट के रोल की तैयारी—क्या खास था?
शूटिंग से पहले मैंने नेटफ्लिक्स की The Spy देखी—जिसने जासूसों की ज़िंदगी को एक नए और दिलचस्प तरीके से पेश किया। इससे विष्णु के किरदार को समझने में ख़ूब मदद मिली। स्क्रिप्ट पढ़ते-पढ़ते ऐसा लगा कि इसे बीच में छोड़ना मुश्किल था—इतना आकर्षक था।
— इस तैयारी ने उनके अभिनय में आत्मनिर्भरता और गहराई भर दी।
शूटिंग के दौरान कौन-सी बात ने चौंकाया?
जैसे डॉक्टर भाबा का प्लेन क्रैश—यह सच घटना है, लेकिन इसके प्रभाव को समझना, उस अनुभव में खोई जिंदगियों का ज़िक्र बहुत मार्मिक था। एजेंट्स की मानसिक उलझनों को समझना—कि कैसे वे बिना किसी पहचान के, दबाव में भी शांत रहते हैं—वह बेहद खास था।
— एक ऐसे किरदार की संवेदनशीलता को उजागर करना, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
फिजिकल‑मेंटल तैयारी कैसी थी?
यह किरदार फाइटर नहीं बल्कि मेंटल एजेंट है। इसलिए फिजिकल ट्रेनिंग नहीं, बल्कि साइकोलॉजिकल प्रेपनिंग ज़रूरी थी—कैसे प्रतिक्रियाशील (reactive) न बनें, बल्कि प्रतिक्रिया देने वाला (responsive) बनें। संवादों के बीच का गैप, ७०s का चलन और बोलने का अंदाज़—यह सब अध्ययन करना रोमांचक रहा।
एजेंट की मानसिक स्थिति में क्या मिला खास अनुभव?
ये लोग सफलता का जश्न ही नहीं मनाते—ना कोई मेडल मिलता है, ना नाम अख़बारों में। फिर भी ये, देश के लिए, सबसे ख़तरनाक परिस्थितियों में काम करते हैं। इस सैद्धांतिक बलिदान को पर्दे पर पेश करना मेरे लिए एक चुनौती और सम्मान दोनों था।
स्कैम 1992’ की सफलता के बाद मिली मिली प्रतिक्रिया?
प्रतीक गांधी ने इससे पहले ‘स्कैम 1992’ में हर्षद मेहता निभाकर पहचान बनाई थी। इसके बाद वह महात्मा गांधी और जोतिबा फुले जैसे ऐतिहासिक किरदार भी निभा रहे हैं—उनकी ज़िम्मेदारी, सामाजिक आदर्शों से प्रेरणा और लोकप्रियता दोनों ही बढ़ रही है।
थिएटर और डिजिटल—वर्तमान चुनौतियाँ क्या हैं?
इन्टरव्यू में प्रतीक ने थिएटर और डिजिटल उद्योग के बीच अंतर पर भी प्रकाश डाला—जहाँ थिएटर सीमित दर्शकों के लिए होता है, वहीं OTT पर कहानी को बड़ी संख्या में लोगों तक पहुंचाने का अवसर होता है। उन्होंने कहा कि आज की डिजिटल दुनिया में चुनौती यही है कि स्क्रीन पर उतरे हर किरदार में ज़मीनी दमक हो, चाहे वह गुमनाम ही क्यों न हो।
भविष्य की परियोजनाएँ—महात्मा गांधी की भूमिका?
प्रतीक ने खुलासा किया कि वह जल्द ही हंसल मेहता की वेब सीरीज ‘Gandhi’ में महात्मा गांधी का किरदार निभाएँगे—एक भावनात्मक और ऐतिहासिक भूमिका, जो उनके अभिनय जगत में नए आयाम खोलने वाली है।