पंचायत का चौथा सीजन दर्शकों को लुभाने में नाकामयाब रहा है। इस सीरीज में इस बार गांव की सादगी नदारद रही है और इसी कारण लोगों ने इसे इस बार खास पसंद नहीं किया। क्या इस बार सीरीज में ज्यादा राजनीति होने के कारण गांव की सादगी की चमक फीकी पड़ गई? इसका जवाब अब खुद ‘पंचायत की रिंकी’ यानी एक्ट्रेस सांविका ने दिया है।
एक न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए सांविका ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता है कि इस बार सीरीज में राजनीति के कारण किरदारों के बीच सादगी कम हुई है। मुझे लगता है कि अभी भी गांव की वो खूबसूरती इस सीरीज में मौजूद है।’

सांविका आगे कहती हैं, ‘यह सच है कि सीरीज में मेन किरदार आपस में लड़ाई कर रहे हैं. मगर जब किसी को भी जरूरत पड़ती है, तब सामने वाली टीम के लोग भी उसे सपोर्ट भी करते दिखते हैं। इसका मतलब है कि वो सादगी, गांव के लोगों की वो सच्चाई आज भी उनके दिलों में है। और हम यह दिखाने में कामयाब रहे हैं।’
‘फुलेरा गांव में मौजूद है सादगी’
रिंकी फेम सांविका ने कहा, ‘आप देखिए गांव में क्या होता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई एक-दूसरे से नफरत कर रहा है। अगर जरूरत पड़ती है तो लोग उनके पास जाते हैं। उन्हें अपना सहयोग देते हैं। ऐसे में हमें लगता है कि जो सादगी है अभी भी पंचायत में मौजूद है।’
इस बार दर्शकों की ये थीं शिकायतें
बता दें कि पंचायत का चौथे सीजन को लोगों ने खास पसंद नहीं किया है। लोगों की शिकायतें ज्यादा रही हैं. ज्यादातर लोगों ने माना कि फुलेरा गांव की सियासत को अधिक दिखाने के कारण गांव की सादगी खत्म हो गई है जो कि पंचायत की खूबी रही है। ज्यादा पॉलिटिक्स के कारण किरदार केवल एक दूसरे में उलझते दिखे और जो खूबसूरती पहले के सीजन में दिखी वो इस बार गायब है।