सिनेमा की दुनिया में कई चेहरे आए और गए लेकिन कुछ चेहरे अमर हो जाते हैं। आज हम बात कर रहे हैं उस अभिनेत्री की, जिसे लोग सिर्फ खूबसूरत नहीं बल्कि खुदा की बनाई सबसे हसीन कृति कहते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं मधुबाला की। लेकिन इस हुस्न के पीछे एक दर्द था, एक अधूरी मोहब्बत थी, और एक टूटा हुआ सपना… आइए, जानते हैं मधुबाला की जिंदगी की पूरी कहानी।
मधुबाला का असली नाम था मुमताज जहां बेगम देहलवी। 14 फरवरी 1933 को दिल्ली में जन्मी मधुबाला का बचपन बेहद गरीबी में बीता। उनके पिता, अयातुल्ला खान, दिल्ली से मुंबई आए थे एक बेहतर जिंदगी की तलाश में। फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद मुमताज, ‘बेबी मुमताज’ के नाम से जानी गईं। महज़ 9 साल की उम्र में उन्होंने अभिनय शुरू कर दिया था।

फिल्मी करियर की उड़ान-
साल 1947 की फिल्म नीलकमल में राज कपूर के साथ नायिका बनने के बाद मधुबाला का सितारा बुलंदियों पर पहुंचा। फिर आया 1949 में के. आसिफ की महल, जिसने उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया। उनकी आंखों में जादू था, मुस्कान में कशिश थी और अदायगी में ऐसा दर्द कि दर्शक टूटकर उनसे मोहब्बत करने लगे।

मधुबाला और दिलीप कुमार की मोहब्बत-
मधुबाला की जिंदगी में दिलीप कुमार का नाम हमेशा के लिए दर्ज है। दोनों की मोहब्बत की कहानियां मशहूर थीं, लेकिन ये रिश्ता एक मुकदमा और पारिवारिक दबावों की वजह से कभी मुकम्मल न हो सका। मधुबाला का दिल टूटा लेकिन वो मुस्कुराती रहीं कैमरे के सामने भी और ज़िंदगी में भी।

मुगल-ए-आज़म और आखिरी दिन-
1960 की फिल्म मुगल-ए-आज़म में अनारकली का किरदार निभाकर मधुबाला ने सिनेमा इतिहास में खुद को अमर कर दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान मधुबाला को दिल की गंभीर बीमारी थी? डॉक्टर्स ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी, लेकिन वो कैमरे से मोहब्बत करती थीं और आख़िर तक करती रहीं।
अंत और विरासत-
मधुबाला की ज़िंदगी महज़ 36 साल की रही। 23 फरवरी 1969 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन उनका नाम, उनकी अदाएं, उनकी मुस्कान आज भी जिंदा हैं। उन्हें भारत की ‘Marilyn Monroe’ भी कहा गया। लेकिन सच तो ये है कि मधुबाला जैसी कोई और न थी, न है और न होगी।
हुस्न की मल्लिका कहें या दिलों की रानी मधुबाला की कहानी हमें ये सिखाती है कि शोहरत के पीछे कई बार दर्द छुपा होता है और जो सितारे हमें रौशनी देते हैं, वो खुद भी अंदर से जले होते हैं। मधुबाला हमेशा हमारी यादों में रहेंगी एक अधूरी मोहब्बत, एक अधूरी मुस्कान के साथ।