नई स्पाई-थ्रिलर वेब सीरीज ‘सारे जहाँ से अच्छा: The Silent Guardians’ ने पर्दे पर एक सघन और संवेदनशील अद्याय खोला है। यह कहानी होती है 1970 के दशक के भारत–पाकिस्तान खुफिया द्वंद्व की, जब परमाणु शक्ति हासिल करने की होड़ सिर चढ़ कर बोल रही थी।
जासूसी के गलियारों में राष्ट्र सुरक्षा की लड़ाई
कहानी आरंभ होती है डॉ. होमी भाभा के विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से, जिससे भारत का परमाणु कार्यक्रम झटका झेलता है, और R&AW का गठन होता है। प्रतीक गांधी R&AW एजेंट विष्णु शंकर की भूमिका में नजर आते हैं, जो पाकिस्तान में एक खतरनाक मिशन पर जाता है—वहां देश को परमाणु हथियार से लैस बनाने की कोशिशें चल रही हैं।
उच्च-स्तरीय कलाकारों के बीच जासूसी का जंग
Sunny Hinduja पाकिस्तानी ISI अधिकारी मुरतज़ा मलिक की भूमिका में निखरकर आते हैं—उनका अभिनय और उर्दू लहजा दर्शकों को आकर्षित करता है । Suhail Nayyar को स्पाई सुखबीर की भूमिका में प्रशंसा मिली है, वहीं Tillotama Shome, Rajat Kapoor, Kritika Kamra, Anup Soni जैसे कलाकारों ने भी महत्वपूर्ण छाप छोड़ी है।
तकनीकी दक्षता और अनुभवपूर्ण निर्देशन
निर्देशन Sumit Purohit ने कहानी को एक तेज, बौद्धिक जासूसी थ्रिलर में पिरोया है, जो कहीं भी रुकता नहीं— हालांकि मध्य भाग में धीमापन दिखा, लेकिन कुल मिलाकर यह एक संतुलित अनुभव है। सेट डिजाइन, सिनेमैटोग्राफी, बैकग्राउंड स्कोर और उत्पादन मूल्य उच्च स्तर के हैं—70 के दशक का युग स्पष्ट रूप से जीवंत होता दिखता है।
दर्शक प्रतिक्रिया और समीक्षाएं
Time ने इस सीरीज़ के भावनात्मक जासूसी युद्ध को रेखांकित किया और मुख्य मिशन के अंत में हुए बलिदान को प्रभावशाली बताया है।IndiaTimes ने इसे “स्पॉइ ड्रामा के लिए नया नहीं, लेकिन जोश भरने वाला” बताया, जहां कुछ लोग इसे Tehran जैसी कृति से तुलना करते हुए “एक और स्पाई ड्रामा” कह रहे हैं। Telegraph India, Firstpost, Mathrubhumi, Moneycontrol जैसे प्रतिष्ठित स्रोतों ने Sunny Hinduja और Suhail Nayyar की छाप को खास कर सराहा है प्रशंसा मिली कि यह सिर्फ़ देशभक्ति नहीं है, बल्कि स्पाई के मानव संघर्ष की कहानी है।