Kannappa- “आज हम आपको ले चलेंगे एक ऐसे सफर पर, जहां एक शिकारी अपने संदेहों को छोड़कर बन जाता है भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त। हम बात कर रहे हैं नई पैन-इंडिया पौराणिक फिल्म ‘Kannappa’ की। आपको बताएंगे की कन्नप्पा ने रिलीज़ होने के बाद क्या धमाल मचाया और दर्शकों के साथ-साथ क्रिटिक्स क्या बोलें?
तेलुगू स्टार विष्णु मंचू की पैन इंडिया फिल्म ‘कन्नप्पा’ शुक्रवार को थिएटर्स में रिलीज हो चुकी है। फिल्म का ट्रेलर कुछ दिनों पहले ही आया था और इस एक फिल्म में इंडियन सिनेमा के जितने बड़े नाम एक साथ आ रहे हैं वो देखकर जनता सरप्राइज हो गई। ‘कन्नप्पा’ भगवान शिव के एक अनन्य भक्त कन्नप्पा की कहानी है जो आंध्र प्रदेश के श्रीकालहस्तीश्वर मंदिर से जुड़ी है। विष्णु मंचू सिर्फ फिल्म के लीड हीरो ही नहीं बल्कि उन्होंने ही यह फिल्म लिखी और प्रोडूस भी की है। बताते चले इस फिल्म पर काम साल 2013 में शुरू हुआ था और इसे थिएटर तक पहुंचने में 12 साल लग गए। फिल्म के रिलीज़ होने के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा की क्या ये फिल्म साउथ की बाकी हिट फिल्मों की तरह कमाल कर पाती है या नहीं?

क्या है कहानी?
चेंचू जनजाति से आने वाले कन्नप्पा को शिकार के दौरान जंगल में एक वायु लिंग मिलता है। वो इस शिव लिंग पर बहुत साधारण चीजें अर्पण करता रहता है, जिसे भगवान शिव स्वीकार करते रहते हैं क्योंकि कन्नप्पा का ह्रदय पवित्र होता है। अंततः कन्नप्पा अपनी एक आंख अर्पित कर देता है और जैसे ही वो अपनी दूसरी आंख अर्पित करने वाला होता है भगवान् शिव उसे दर्शन देते हैं।

कास्ट-
फिल्म की कास्टिंग की बात की जाए तो विष्णु मंचू ने कन्नप्पा से ग्राउंडेड भक्त तक की भूमिका में संतुलित अभिनय दिखाया कुछ सीन में भावनाओं की गहराई और कुछ में लड़ाकू अंदाज़। अक्षय कुमार (भगवान शिव) का छोटा लेकिन प्रभावशाली किरदार है, जिसमें उनका प्रभावक वर्चस्व है। प्रभास लगभग 30 मिनट के रोल में “रुद्र” की प्रेरक उपस्थिति के साथ आते हैं, उनका यह रोले फिल्म को नई ऊर्जा देता है। मोहानलाल ने किरता के रूप में शांत, गंभीर लेकिन गहन छाप छोड़ी उनके किरदार की सोशल मीडिया पर खूब सराहना की गई। अन्य कलाकार जैसे काजल अग्रवाल, मोहन बाबू, सरथकुमार, प्रीति मुखुंडन ने सहायक भूमिकाओं में योगदान दिया।

फर्स्ट हॉफ है धीमा-
लोगों ने फिल्म देखने के बाद मिली जुली प्रतिक्रिया दी लोगों का कहना है की फिल्म फर्स्ट हॉफ में थोड़ी स्लो है जबकि सेकंड हॉफ रोमांचक है। वहीं फिल्म में इस्तेमाल हुए VFX की बात की जाए तो नेज़रलैंड की लोकेशंस और विज़ुअल्स ‘Lord of the Rings’ जैसे महाकाव्य की छाप छोड़ते हैं पर कुछ VFX को अति-प्रशंसा नहीं मिली। Stephen Devassy के बैकग्राउंड स्कोर, विशेषकर क्लाइमेक्स में “Kaali Shakti”, ने भावनात्मक स्पेस भरा, हालांकि कुछ गीत औसत दर्जे के थे।
बॉक्स ऑफिस-
रिलीज़ के पहले दिन तेलुगु राज्यों में ₹9 करोड़ की कमाई की शुरुआत। ट्रेड और फिल्म इंडस्ट्री ने इसे “Industry Hit” बताया, बढ़ते सकारात्मक वर्ड‑ऑफ‑माउथ के सहारे।
“Kannappa” विशेष रूप से शिव भक्त दर्शकों के लिए एक भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव है, जिसमें ग्रैंड विज़ुअल्स, मजबूत क्लाइमेक्स और स्टार पावर का मेल है। यदि आप पौराणिक कथाओं, अधुनिक-प्रेम और भक्तिभाव के मिश्रण को पसंद करते हैं, तो यह निश्चित रूप से थिएटर में देखने लायक है लेकिन धीमी शुरुआत और कुछ तकनीकी कमियों को ध्यान में रखकर इसे एक बार जरूर स्क्रीन पर देखने लायक कहा जा सकता है। ‘Kannappa’ ने दिखाया कि आत्मा की तलाश और भगवान शिव की भक्ति, बड़े पैमाने पर सुनाई जाने वाली काल्पनिक कथाओं से अलग भी गहरा प्रभाव डाल सकती है। पहले थोड़ी धीमी गति के बाद आख़िरी तक ये फिल्म अपना दम दिखाती है और प्रेम, आस्था व श्रृंगार के मिश्रण को पर्दे पर जीवंत कर देती है।”